हरि ॐ हरि ॐ !
प्रणव ओंकार शिवा
हृदयांत उजळू दे सूर्यदेवा
हरि ॐ हरि ॐ !
स्वरचक्र उलगडे तानांचे
हे बोल खोल मम प्राणांचे
प्रतिभेचा हुंकार नवा
हरि ॐ हरि ॐ !
तिमिरांत सभोंती गगनप्रभा
ज्योतीर्मय त्यातून दिव्य सभा
विलसू दे रुपेरी चंद्रथवा
हरि ॐ हरि ॐ !
गीत – गुरुनाथ शेणई
संगीत – भानुकांत लुकतुके
स्वर- रामदास कामत
गीत प्रकार – प्रार्थना