इंद्र जिमि जंभ पर,

इंद्र जिमि जंभ पर,
बाढव सुअंभ पर,
रावन सदंभ पर,
रघुकुलराज है !

पौन बारिबाह पर,
संभु रतिनाह पर,
ज्यों सहसबाह पर,
राम द्विजराज है !

दावा द्रुमदंड पर,
चीता मृगझुंड पर,
भूषन वितुंड पर,
जैसे मृगराज है !

तेज तम अंस पर,
कान्ह जिमि कंस पर,
त्यों मलिच्छ बंस पर,
सेर सिवराज है !

गीत – कवी भूषण

संगीत – पं. हृदयनाथ मंगेशकर

स्वर- लता मंगेशकर

गीत प्रकार – स्फूर्ती गीत, प्रभो शिवाजीराजा